क्या मैं भी बस होने के लिए हूँ…?
इस जहाँ के सुख में हँसने,
और
दुःख में रोने के लिए हूँ?
क्या मैं भी बस होने के लिए हूँ…?
क्या आजीविका कमाने और
खाने, पीने, सोने के लिए हूँ?
क्या मैं भी बस होने के लिए हूँ…?
अतीत की फसलें काटने
और नई बोने के लिए हूँ?
क्या मैं भी बस होने के लिए हूँ…?
इस समूचे संसार के
एक अदद कोने के लिए हूँ?
क्या मैं भी बस होने के लिए हूँ…?
जि़न्दगी की भागदौड़ में
अपने अस्तित्त्व को
अंततः खोने के लिए हूँ?
क्या मैं भी बस होने के लिए हूँ…?
क्या मैं भी बस होने के लिए हूँ…?